मित्रों, वर्तमान में ब्यूटी पार्लर का चलन बहुत अधिक हो गया है । कई बार देखने में आता है कि शहर के मुख्य स्थान पर ब्यूटी पार्लर होते हुए भी अच्छा व्यवसाय नहीं हो पाता । इसका कारण वास्तु दोष भी हो सकता है । अत: ब्यूटी पार्लर का निर्माण करवाते समय नीचे लिखे वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करें ।।
१.ब्यूटी पार्लर का मुख्य द्वार उत्तर या पूर्व में होना अच्छा होता है ।।
२.पार्लर का नाम किसी स्त्रीलिंग शब्द से ही होना चाहिए ।।
३.बिजली के स्विच व उपकरण आग्नेय कोण (पूर्व-दक्षिण) में ही होना चाहिए ।।
४.मुख्य ब्यूटीशियन को नैऋत्य (पश्चिम-दक्षिण) में कोना छोड़कर इस प्रकार बैठना चाहिए कि उसका मुंह उत्तर या पूर्व की ओर ही रहे ।।
५.ग्राहकों को सदैव वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम) में बैठाना चाहिए ।।
६.दर्पण उत्तरी-पूर्वी दीवारों पर ही लगाएं ।।
७.थ्रेडिंग, वैक्सिंग, पेडीक्योर, मैनी क्योर, हेयर कटिंग, मेहंदी, कलरिंग, पार्मिंग, ट्रिमिंग आदि कार्य आग्नेय कोण (पूर्व-दक्षिण) में करें तो बेहतर होगा ।।
८.दीवारों व पर्दों का रंग हल्का गुलाबी, नारंगी, आसमानी और हल्का बैंगनी रख सकते हैं ।।
९.फिजीकल फिटनेस के लिए कोई मशीन, उपकरण आदि हो तो उन्हें नैऋत्य कोण (पश्चिम-दक्षिण) में ही लगाएं ।।
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।।। नारायण नारायण ।।।
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